कंप्यूटर क्या है | Computer Kya Hota Hai

नमस्कार, आज हम जानने वाले हैं Computer Kya Hota Hai, वैसे आज के समय में शायद ही पृथ्वी पर कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जिसने कंप्यूटर के बारे में ना सुना हो। Computer काफी पुराने समय से हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है।

आज के समय में जो काम 100 आदमी मिलकर करते हैं वह काम Computer अकेला ही बिना थके कर सकता है। Computer में चाहे आपको कोई Calculation करनी हो या कोई Project तैयार करना हो, Computer सभी काम करने में सक्षम है, तो चलिए अब Computer Kya Hai के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Computer क्या है :

Computer एक ऐसा Electronic Device या Machine है जो दिए गए निर्देशन समूह के आधार पर सूचना को Process करता है इस निर्देशन समूह को Program कहा जाता है। कंप्यूटर हमारे द्वारा दिए गए Command को Follow करता है।

कंप्यूटर के प्रमुख तकनीकी कार्य चार प्रकार के होते हैं–

  1. डांटा का संकलन तथा निवेशन(collection and input)
  2. डाटा का संचयन(storage)
  3. डाटा/इंफॉर्मेशन(information) का निर्गम।
  4. डाटा संसाधन(processing)

कंप्यूटर के जन्मदाता कौन हैं :

गणित के प्रोफेसर चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने 19वीं सदी में कंप्यूटर का आविष्कार किया।
Charles Babbage को कंप्यूटर का जनक यानी Father of Computer भी कहा जाता है।

Charles Babbage

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं :

सामान्यतः कंप्यूटर तीन प्रकार के होते हैं– कंप्यूटर को इसके कार्य के आधार पर तीन भागोंं में बांटा गया है जो इस प्रकार हैै—

  1. Analog Computer
  2. Digital Computer
  3. Hybrid Computer

इन तीनों की अपनी अपनी विशेषताएं हैं तो चलिए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Analog Computer :

इनका प्रयोग भौतिक इकाइयों जैसे दाब, तापमान, लंबाई, गति आदि को मापने में किया जाता है, चलिये इसके बारे में और जानते हैं, मौसम विज्ञान की बात करें तो आपको हवा का दबाब, वातावरण में नमी या बारिश कितनी हुई या आज का सबसे कम या सबसे ज्‍यादा तापमान कितना था इन सब के आंकडें इकठ्ठा करने के लिये Analog Computer बनाये गये हैं-

आर्द्रतामापी (हाइग्रोमीटर) – इससे वायुमण्डल में व्याप्त आर्द्रता नापी जाती है।
एनिमोमीटर – इससे वायु की शक्ति तथा गति को नापा जाता है।
वर्षामापी (रेन गेज) – इससे किसी विशेष स्थान पर हुई वर्षा की मात्रा नापी जाती हैं।

यानि यह सब Analog Computer भौतिक आंकडों को इकठ्ठा करते हैं।

Digital Computer :

Digital Computer वह कंप्‍यूटर होते हैं जिन्‍हें हम आमतौर पर अपने घरों, कार्यालयों में प्रयोग करते हैं  जिसमें डिजिटल तरीके से डाटा को फीड किया जाता है और Output प्राप्‍त किया जाता है Digital Computer कहलाता है।

 अधिकतर Digital Computer ही प्रयोग में आते हैं और बाजारों में आमतौर पर उपलब्‍ध रहते हैं Digital Computer Data और Program को 0 और 1 यानी बायनरी में परिवर्तित करके उसको इलेक्ट्रॉनिक रूप में ले जाते है।

Hybrid Computer :

Hybrid Computer में Analog Computer और Digital Computer दोनों के ही गुण होते है। ये कंप्‍यूटर Analog और Digital से अधिक भरोसेमंद माने जाते हैं इनका काम होता है Analog Computer से प्राप्‍त Data को Digital रूप में उपलब्‍ध कराना, चिकित्‍सा, मौसम विज्ञान में इनका सबसे ज्‍यादा प्रयोग होता है।

कंप्यूटर का पूरा नाम :

C=  Common
O=  Operating
M=  Machine
P=   Particularly
U=  Used For
T=  Technical
E=  Educational
R=  Research

कंप्यूटर की उपयोगिता और उसके लाभ :

अगर हम बात करें भारत में कंप्यूटर के उपयोग की तो भारत के प्रारंभ में कंप्यूटरों का उपयोग काफी सीमित था लेकिन बदलते समय के साथ धीरे-धीरे इसका प्रचलन बढ़ने लगा और हर एक कार्य में कंप्यूटर का उपयोग किया जाने लगा।

वर्तमान में बैंक, अस्पताल, प्रयोगशाला, अनुसंधान केंद्र, विद्यालय एवं अन्य कई जगहों पर इसका उपयोग किया जाता है, आज के समय में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां कंप्यूटर का प्रयोग ना किया जाता हो। आज कंप्यूटर संचार का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है।

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कंप्यूटर ने कमाल कर दिखाया है, आज की मिसाइलें मानवरहित विमान आदि सब कंप्यूटर के ही परिणाम है। जब भी हम सुबह उठते हैं तो हमें रोज एक विज्ञान क्षेत्र से नई सूचना मिल जाती है।

भूतकाल में कंप्यूटर का उपयोग केवल कुछ सीमित कार्यों के लिए किया जाता था। लेकिन इंटरनेट के आने से इसका प्रयोग काफी तेजी से बढ़ता गया और आज हम बात करें तो लगभग हर एक घर में कंप्यूटर का उपयोग होने लगा है।

इंटरनेट में संचार के क्षेत्र में क्रांति ला दी है आज संसार के किसी भी क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान विकसित नवीन ज्ञान की जानकारी पलक झपकते ही इंटरनेट के माध्यम से किसी एक स्थान पर बैठे व्यक्ति के पास पहुंच जाती है।

कंप्यूटर की सहायता से हम अत्यधिक जान जोखिम वाले कार्यों को बिना कोई जोखिम उठाए सफलतापूर्वक कर सकते हैं।

कंप्यूटर नेटवर्क :

Computer Network विधि कई कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने की तकनीक है। इसका मुख्य लाभ यह है कि किसी एक कंप्यूटर की मेमोरी में लिखी हुई सूचना का लाभ अन्य कंप्यूटर पर कार्य कर रहा एक व्यक्ति पा सकता है।

आसान भाषा में कहें तो जब एक या एक से अधिक Computer को किसी भी Medium के द्वारा जैसे की Wired और Wireless के माध्यम से connect करते हैं तो उसे Computer Network कहा जाता है।

किसी भी Network का काम information को एक जगह से दुसरे जगह पर exchange करने के लिए होता है।

आपने Local Area Network (LAN) के बारे में सुना होगा, Local Area Network एक ऐसा प्रयोग है जिसके द्वारा एक ही बिल्डिंग में रखें सभी कंप्यूटरों को जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा एक अन्य प्रचलित पद्धति “इथरनेट” है, जिसमें Co-axial तारों द्वारा कंप्यूटर को जोड़ा जाता है।

कंप्यूटर वायरस :

कंप्यूटरों में एकत्रित सूचनाओं और जानकारियों को समाप्त करने के लिए एक विध्वसात्मक इलेक्ट्रॉनिक कोड बनाया जाता है, जिसे कंप्यूटर प्रोग्राम में मिला दिया जाता है, इस कोड से कंप्यूटर में एकत्रित जानकारी नष्ट की जा सकती है, तथा गलत सूचनाएं भेजी जा सकती हैं, इस विनाशकारी कोड को Computer Virus कहते हैं।

आप सभी जानते हैं इस दुनिया में कुछ अच्छे लोग हैं जो दूसरों का भला चाहते हैं और कुछ बुरे लोग जो केवल दूसरों को परेशान करना चाहते हैं यह विनाशकारी कोड खुद से नहीं बनते हैं इन सभी कोड को वहीं लोग बनाते जो कम्प्यूटर के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करके इसका इस्तेमाल केवल दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं और ऐसे कोड का निर्माण करते हैं जो दूसरों के कंप्यूटर से डाटा चोरी कर सके तथा उनके डाटा को नष्ट कर सकें।

इनमें से कुछ वायरस डार्क, एवैजर, किलों, फिलिप, माइकल एंजेलो, लव वायरस आदि है।

कंप्यूटर शब्दावली (Terminology) :

HARDWARE : कंप्यूटर और कंप्यूटर से जुड़े अन्य सभी यंत्रों तथा उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है।
फ्लॉपी डिस्क ड्राइवर, डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर, कैथोड–रे ट्यूब टर्मिनल, मॉनिटर, कीबोर्ड एवं माउस कंप्यूटर हार्डवेयर के उदाहरण हैं।

SOFTWARE : कंप्यूटर के संचालन के लिए जिन प्रोग्रामों की आवश्यकता होती है,  उन्हें सॉफ्टवेयर कहतेे हैं।

FLOPPY DISK : यह प्लास्टिक की एक चकती होती है, जिसका व्यास 12.5 सेंटीमीटर होता है। फ्लॉपी डिस्क के ऊपर पैराइट का 0.0075 सेंटीमीटर मोटाई वाला लेप किया रहता है, जिसके कारण ही डिस्क में चुंबकीय अभीलेखन की क्षमता विकसित हो पाती है, और डिस्क को 360 आरपीएम(RPM) की गति से घुमाया जाना संभव हो पाता है।

Floppy disk
Floppy disk

MODEM : यह एक ऐसी युक्ति है जो अंकीय आंकड़ों(digital data) का संप्रेषण का सकती है और उन्हें एक टेलीफोन लाइन या स्टैंडर्ड वॉइस के द्वारा प्राप्त भी कर सकती है यह युक्ति FSK द्वारा डिजिटल डाटा को ऑडियो सिग्नल में बदल देती है जिसे टेलीफोन द्वारा ग्रहण किया जा सकता है।

Modem

SMART CARDS : ये बहुउद्देेेशीय इलेक्ट्रॉनिक कैश कार्ड होतेे हैं जिससे यह भारतीय परिस्थितियों में पूर्ण रूप से उपयोगी हो सके।

E-COMMERCE : ई-कॉमर्स के बारे में आपने पहले भी सुना होगा, ई-कॉमर्स का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स है इस का सामान्य अर्थ हैैै कंप्यूटर नेटवर्क द्वारा अपनाा व्यापार चलाना।

HARD DISK : यह डिस्क कंप्यूटर के अंदर स्थाई रूप से लगी होती है इसके भंडारण की क्षमता बहुत अधिक होती है, यह किसी सूचना को ढूंढने या रिकॉर्ड करने में बहुत तेजी से काम करती है, लेकिन यह काफी ज्यादा पुरानी हो चुकी है।

hard disk
Hard Disk

अब इसका नया Version जिसे SSD यानी SOLID STATE DRIVE कहतेे हैं, HARD DISK के मुकाबले SSD की Processing Speed काफी ज्यादा तेज होती है और यह बहुत तेजी से किसी भी सूचना  को ढूंढ सकता है और तेजी से उसे Transfer भी कर सकता है।

BIOS (BASIC INPUT OUTPUT SYSTEM) : बायोस सामान्यतः कंप्यूटर को प्रारंभ करने का प्रोग्राम होता है, जो Computer के चालू होने से पहले यह जांच करता है की, Computer में सभी चीजें सही से लगी है या नहीं।

BYTE : बाइट 8 बिटों का एक समूह होता है एक बाइट द्वारा 0 से 255 तक तथा बाइनरी प्रणाली में 0 से 256 तक गिना जा सकता है।

DISK DRIVE :  डिस्क ड्राइव एक मशीन है जिसमें डिस्क को प्रविष्ट करने के पश्चात घुमा कर उसमें अंकित वांछित सूचना को पढ़ा जा सकता है या नई सूचना को अंकित किया जा सकता है।

MONITOR : Monitor कंप्यूटर के संदेशों को स्क्रीन पर दर्शाने का कार्य करता है हम जब भी कंप्यूटर को कोई कमांड देते हैं तो हमें उसका परिणाम चाहिए होता है जिसका परिणाम कंप्यूटर में मॉनिटर स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है।

RAM : Ram का पूरा नाम Random Access Memory है यह एक अस्थाई प्रकार की स्टोरेज होती है जिसका उपयोग कंप्यूटर की गणना के लिए एक स्लेट की भांति होता है हम अपने कंप्यूटर में जब कोई सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं तो वह सॉफ्टवेयर को Storage में Store कर लेता है।

ram
Ram

और जितने देर तक हम उसका उपयोग करते हैं उतने समय तक वह RAM की Storage में सुरक्षित रहता है उसके बाद जब हम उस सॉफ्टवेयर का उपयोग करना बंद कर देते हैं या उसकी जगह पर कोई अन्य सॉफ्टवेयर का उपयोग करने लग जाते हैं तो वह पिछले सॉफ्टवेयर को RAM की Storage से स्वचालित रूप से निकाल देता है और नए सॉफ्टवेयर को Store कर लेता है।

ROM : रोम का पूरा नाम Read only Memory है, यह एक स्थाई (Permanent) प्रकार की Storage होती है, इस Storage को अनेकों बार पढ़ा जा सकता है, लेकिन बदला नहीं जा सकता।
इसी Storage में आपके कंप्यूटर में उपस्थित Photo, Video, Music और अन्य Documents Save किए जा सकते हैं।

MOTHERBOARD : मदरबोर्ड एक बड़े सर्किट की तरह होता है इसके अंदर अनेकों प्रकार के Slot होते हैं जिसमें अलग-अलग प्रकार के Card लगाए जाते हैं जैसे- RAM, Graphic Card Processor और अन्य सभी सर्किट इसी से जुड़े होते हैं।

motherboard
motherboard

COMPUTER LANGUAGE : कंप्यूटर भाषा का उपयोग सॉफ्टवेयर बनाने में किया जाता है यह दो प्रकार की होती है।

  • Low Level Language
  • High Level Language

Low Level Language का प्रयोग सिस्टम सॉफ्टवेयर वह यूटिलिटी और कंपाइलर्स असेंबलर्स बनाने में किया जाता है इसे ही लो लेवल लैंग्वेज कहा जाता है।

High Level Language का प्रयोग एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के निर्माण में किया जाता है वर्तमान में हाई लेवल लैंग्वेज हैं—BASIC, COBOL, ALGOL, C, PASCAL, FORTRAN. आदि।

KEYBOARD : यह कंप्यूटर का मुख्य प्रथम Input Device है इसके द्वारा हम समस्त सूचनाओं और निर्देश कंप्यूटर में लिखते हैं यह एक टाइपराइटर के भांति कार्य करता है इसके द्वारा ही हम कमरे में कोई भी अक्षर Type कर सकते हैं या कोई भी अंक Type कर सकते हैं।

MOUSE : यह भी एक Input Device है इसका प्रयोग कंप्यूटर को निर्देश देने में किया जाता है इसके द्वारा हम सूचनाओं को कंप्यूटर में प्रेषित तो नहीं कर सकते, लेकिन कंप्यूटर में जो सॉफ्टवेयर होते हैं उनको इसके द्वारा नियंत्रित कर सकते हैं।

कंप्यूटर का महत्त्व :

भले ही कंप्यूटर का निर्माण इंसान ने किया हो लेकिन कंप्यूटर जितनी तीव्रता से गणना कर सकता है उतनी तीव्रता से गणना करना इंसान के बस की बात नहीं हो सकती।

बहुत से ऐसे काम है जो एक इंसान द्वारा कर पाना काफी मुश्किल है लेकिन कंप्यूटर के लिए वह केवल कुछ ही समय का काम है। और बदलते समय के साथ आज के समय में कंप्यूटर की जगह लैपटॉप ने ले ली है जो काफी मददगार है।

अब ज्यादा लोग कंप्यूटर खरीदने में रुचि नहीं दिखाते, वैसे दोनों का काम एक जैसा ही होता है लेकिन कंप्यूटर को आप एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जा सकते हैं, ये डेस्कटॉप कंप्यूटर monitor, keyboard, cpu और mouse से मिलकर बने होते है।

जिस वजह से इन्हें एक जगह से दुसरे जगह ले जाने में परेशानी होती है वही दूसरी तरफ Laptop को आप आसानी से fold कर सकते हैं और कहीं भी आसानी से ले जा सकते हैं। आप लैपटॉप को चार्ज भी कर सकते हैं यही कारण है की Laptop का दाम Desktop कंप्यूटर से हमेशा ज्यादा होता है।

अगर आपके पास बजट कम है और आप Laptop या Desktop में से एक चीज लेने की सोच रहे हैं और आप चिंतित हैं कि मैं इन दोनों में से क्या लूं तो मैं आपको एक Desktop लेने की सलाह दूंगा। क्योंकि कम दाम में Desktop में आपको बहुत सारे Features मिल जाएंगे जो किसी सस्ते Laptop में मिलना काफी मुश्किल है।

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9 thoughts on “कंप्यूटर क्या है | Computer Kya Hota Hai”

    • धन्यवाद, हमें जानकार अच्छा लगा की आपको हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी पसंद आई, हमसे जुड़े रहें और प्रतिदिन ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करते रहें।

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