ट्री फेस्टिवल, जिसे 'वन महोत्सव' के नाम से जाना जाता है, 1 से 7 जुलाई तक मनाया जाने वाला एक सप्ताह तक चलने वाला त्योहार है।
इस वन महोत्सव के दौरान पूरे भारत में प्रतिवर्ष लाखों पेड़ लगाए जाते हैं ।
इसकी शुरुआत 1950 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री केएम मुंशी ने एक बार के उपाय के रूप में नहीं बल्कि इसे हर साल एक त्योहार के रूप में मनाने के इरादे से की थी।
वन महोत्सव के दौरान, राज्य सरकार और नागरिक निकायों द्वारा विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, गैर सरकारी संगठनों और कार्यालयों में पौधों की आपूर्ति की जाती है। इसे 'जीवन का त्योहार' भी कहा जाता है।
पेड़ हमारे अस्तित्व का स्रोत हैं, वे हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और हमारे आसपास की हवा को साफ करते हैं। पीपल, बरगद और नीम के पेड़ न केवल दिन में बल्कि रात में भी ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
पेड़ हमारे अस्तित्व का स्रोत हैं, वे हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और हमारे आसपास की हवा को साफ करते हैं। पीपल, बरगद और नीम के पेड़ न केवल दिन में बल्कि रात में भी ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
इसलिए हमारे लिए ये बहुत जरूरी है की हम अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाए और एक स्वच्छ वातावरण का आनंद लें।