नमस्कार, आज हम जया जादवानी की एक प्रसिद्ध कविता (Hindi Poem) आपके साथ साझा करने वाले हैं, जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
नहीं, यह सबसे कठिन समय नहीं!
अभी भी दवा है चिड़िया की
चोंच में तिनका
और वह उड़ने की तैयारी में है!
अभी भी झरती हुई पत्ती
सामने को बैठा है हाथ एक,
अभी भी भीड़ है स्टेशन पर
अभी भी एक रेलगाड़ी जाती है
गंतव्य तक
जहां कोई कर रहा होगा प्रतीक्षा,
अभी भी कहता है कोई किसी को
जल्दी आ जाओ कि अब
सूरज डूबने का वक्त हो गया
अभी कहा जाता है,
उस कथा का आखरी हिस्सा
जो बूढ़ी नानी सुना रही सदियों से
दुनिया के तमाम बच्चों को
अभी आती है एक बस
अंतरिक्ष के पार की दुनिया से,
लाएगी बचे हुए लोगों की खबर
नहीं, यह सबसे कठिन समय नहीं
—जया जादवानी
इस कविता (Hindi Poem) से हमें यह सीखने को मिलता है कि मुश्किलें कभी भी बड़ी नहीं होती जब तक हम उन्हें बड़ा ना मान ले।
जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहिए जब आप अपने कार्य के प्रति पूरी ईमानदारी से मेहनत करेंगे तो आपके सामने मुश्किलें तो आएंगी लेकिन आपको उन मुश्किलों से सामना करने की हिम्मत भी मिलेगी।
संसार में कोई भी ऐसा कार्य नहीं जिसमे बाधा उत्पन्न ना हो।
बाधाएं ही आपमें मुश्किलों से लड़ने कि हिम्मत पैदा करती है इसलिए कभी भी बाधाओं से डरिए मत बल्कि डट कर उनका सामना कीजिए और निश्चित ही सभी समस्याएं आपके मार्ग से दूर हो जाएंगी।