Essay on Republic day in hindi : हमारा भारत एक स्वतंत्र देश है लेकिन कुछ समय पहले यह स्वतंत्र नहीं था कई सौ वर्षों तक भारतीयों ने अंग्रेजों के अधीन नरकतुल्य जीवन बिताया।
देश को पराधीनता से मुक्त करने के लिए भारतीयों को दीर्घकाल तक संघर्ष करना पड़ा। भारत का संपूर्ण स्वाधीनता आंदोलन त्याग, बलिदान, वेदना, घुटन और अंग्रेजों के दिल दहला देने वाले अत्याचारों की एक करुण गाथा है।
स्वाधीनता प्राप्ति के लिए किए गए अनेक ऐतिहासिक प्रयासों के अनंतर 26 जनवरी 1929 ई० के दिन का अपना विशिष्ट महत्व है इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासभा ने लाहौर में रावी नदी के पावन तट पर यह घोषणा कि की आज से पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करना ही भारतवासियों का लक्ष्य हो।
लाहौर के इस अधिवेशन में देशभर से आए आजादी के दीवानों का सैलाब उमड़ पड़ा दूर-दूर से कई-कई दिन तक पैदल चलकर आए लाहौर की भयंकर ठंड में कांपते हुए लेकिन उनके अंदर देश को आजाद कराने का एक संकल्प था उसी की दहकती आग को अपने मन में लिए उस आपार जनसमूह ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में देश को हर हालत में स्वाधीन कराने की सौगंध खाई।
और इसी दिन से सारा भारत “वंदे मातरम” “भारत माता की जय” “स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है” “मेरा भारत महान” के नारों से गुजरने लगा नारों की बाढ़ सी आ गई जिनमें सभी अंग्रेजों को बहा ले जाने की शक्ति थी।
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन राज्य की प्रतिज्ञा को दोहराई जाती रही।
अंग्रेजों की लाठी, गोली और तोफो का सामना करते हुए निहत्थी जनता वर्षों तक खून में नहाती रही।
देश के कोने कोने में शहीदों की लाशें बिखरी पड़ी थी और हमारे बहादुर भारत वासियों ने अंग्रेजों की तोपों की गोलियां खाकर हमारे देश को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाया ऐसे बहादुर भारत वासियों को मेरा सत–सत नमन।
इनके बलिदान के कारण ही हमारा भारत 15 अगस्त 1947 ई० को आजाद घोषित कर दिया गया स्वतंत्रता प्राप्त होने के उपरांत ही देश के संविधान का भी निर्माण हुआ और उसे 26 जनवरी 1950 ई० के दिन लागू किया गया।
आज हमारे भारत में गणतंत्र दिवस का बहुत महत्व है और यह महत्व इसीलिए है कि हमारे देश के उन बहादुर हस्तियों ने अपने बारे में ना सोचकर केवल अपने देश के लिए सोचा और अपनी जान की आहुति देने में थोड़ा सा भी संकोच ना किया।
इस आजादी के महत्व की स्मृति बनाए रखने के लिए ही और देश के लिए शहीद हो गए बलिदानियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए यह पर्व प्रतिवर्ष से हमारे राष्ट्र में मनाया जाता है।
इस दिन सारे देश में हर्षोल्लास का वातावरण रहता है जगह जगह पर सुबह से ही भारतीय तिरंगा फहराया जाता है अनेक प्रकार की सजावट की जाती है मिष्ठान वितरण होता है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है विद्यालयों में भी गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है तथा मिष्ठान वितरण किया जाता है।
देश की राजधानी दिल्ली में यह दिवस विशेष तरह से मनाया जाता है एक दिन पहले से ही देश के कोने-कोने में लोगों का दिल्ली आना प्रारंभ हो जाता है इस दिन सारी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जाता है सुबह निर्धारित समय पर देश के राष्ट्रपति द्वारा इंडिया गेट पर ध्वजारोहण के साथ भी गणतंत्र उत्सव प्रारंभ हो जाता है जल, थल और वायु सेना की टुकड़ियां राष्ट्रपति के सम्मान में इक्कीस तोपों की सलामी देती है।
राजपथ पर तीनों सेनाओं की परेड होती है तथा वायु सेना के विमानों द्वारा आकाश में पुष्प वर्षा की जाती है तथा अनेक प्रकार के नजारे भी वायु सेना के विमानों द्वारा देखने को मिल जाते हैं
इस अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा देश की रक्षा हेतु शौर्य प्रदर्शन करने वाले सैनिकों बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले बालकों और देश की प्रगति में अपना उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है। शाम के समय देशभर सरकारी एवं राष्ट्रीय इमारतों पर भव्य रोशनी की जाती है।
उपसंहार :
गणतंत्र दिवस का महत्व हमारे सभी पर्वों से ज्यादा है ऐसे वीर बहादुर जिन्होंने हमारे देश के लिए अपने प्राण त्याग दिए आज के समय में देखने को बहुत कम मिलते हैं यदि उस समय ये बहादुर और वीर हमारे भारत में ना होते तो शायद हमारा भारत कभी आजाद नहीं हो पाता और एक स्वतंत्र राष्ट्र नहीं बन पाता।
यह पर्व हमारे इन्हीं बहादुर और वीरों के किए गए बलिदानों का स्मृति पर्व है। इस दिन हमें अपने बलिदानियों के प्रति अपनी कृतज्ञता अर्पित करनी चाहिए, और इसी दिन क्या हमें यह रोज करना चाहिए तथा निस्वार्थ रूप से देश के लिए जीने मरने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए।