अगर आप कंप्यूटर या स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, तो आपने Virus के बारे में जरूर सुना होगा, वायरस एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर हर स्मार्टफोन और कंप्यूटर उपयोगकर्ता इससे बचना चाहता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वायरस होता क्या है और यह बनता कैसे है, यह इंटरनेट में इतना तेजी से फैलता कैसे है?
जैसा कि आप जानते हैं यह दुनिया अनेक प्रकार के लोगों से भरी पड़ी है, अगर इस दुनिया में अच्छे इंसान हैं तो बुरे इंसान भी हैं। ऐसे ही कुछ लोग जिनके पास इंटरनेट के बारे में अच्छी नॉलेज है, वह दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसे प्रोग्राम लिखते हैं, जो कंप्यूटर और इससे जुड़े सिस्टम डेटाबेस को डेस्ट्री करने में माहिर होते हैं, वह कुछ पैसों के लिए या केवल मजे के लिए ऐसा करते हैं, तो आइए यह जानते हैं कि आखिर ये वायरस होता क्या है?
Virus क्या होता है :
Virus का पूरा नाम Vital Information Resources Under Sigege है।
यह एक छोटा सा प्रोग्राम होता है जो कि आप के डेटा को चुराने या उसे खराब करने के लिए बनाया गया होता है।
इसे Programmers जान-बूझकर बनाते हैं ताकि वह दूसरों के कंप्यूटर्स को खराब कर सकें या उसमें मौजूद डाटा को चुरा सके।
यह वायरस कहीं हद तक आपके कंप्यूटर के हार्डवेयर को भी खराब करने में सक्षम होते हैं लेकिन इसकी संभावना बहुत कम होती है इनको ज्यादातर केवल इसलिए तैयार किया जाता है, कि यह दूसरों की जानकारियां चुराए और किसी दूसरे तक पहुंचा सके या नष्ट कर सकें।
पहले केवल वायरस कंप्यूटर से में ही पाए जाते थे, लेकिन बदलते समय के साथ टेक्नोलॉजी बढ़ी और स्मार्टफोन का उपयोग भी बढ़ गया और स्मार्टफोन भी वायरस की चपेट में आ गए।
दोस्तों हर ऑपरेटिंग सिस्टम(Operating system) के लिए अलग-अलग वायरस होते हैं, जैसे Windows के लिए विंडोज का वायरस और Android के लिए एंड्राइड के वायरस होते हैं। लेकिन कुछ ऐसे वायरस होते हैं, जो सभी ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रभावित करते हैं।
Windows ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कंप्यूटर में किया जाता है इसलिए Windows ऑपरेटिंग सिस्टम के वायरस ज्यादा होते हैं यह सीधे कंप्यूटर में अटैक करते हैं मोबाइल वायरस की तुलना में कंप्यूटर वायरस अटैक बहुत अधिक होते हैं।
वायरस कैसे फैलता है :
वायरस के फैलने के बहुत से कारण हैं जिनमें से कुछ कारण इस प्रकार हैं-
- Internet
आज के समय में लगभग हर व्यक्ति इंटरनेट से जुड़ा हुआ है और हर एक व्यक्ति इसका उपयोग करता है इंटरनेट ही वायरस के फैलने का एक बहुत बड़ा जरिया बन चुका है, बहुत से लोग इंटरनेट पर Music, Movies, Videos, Games जैसी चीजें Search करते हैं, और वह जाने-अनजाने में ही कुछ ऐसी Sites पर चले जाते हैं जोकि वायरस प्रभावित होती हैं, जैसे ही वह उस Site को खोलते हैं और वहां से कोई भी फाइल डाउनलोड करते हैं, तो वह वायरस भी उसी फाइल के साथ उनके कंप्यूटर या स्मार्टफोन में आ जाते हैं।
- E-mail
ई-मेल के बारे में तो आप जानते ही होंगे, ई-मेल का उपयोग सूचनाओं को एक दूसरे तक बेहतर तरीके से पहुंचाने के लिए किया जाता है।लेकिन शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि ई-मेल द्वारा भी वायरस हमारे कंप्यूटर में आ सकता है। यदि आपको वायरस से संक्रमित कोई फाइल ई-मेल पर प्राप्त हुई है और आप उसे अपने कंप्यूटर पर खोलते हैं तो वह वायरस आपके कंप्यूटर में आ जाता है।
- वायरस से प्रभावित पेनड्राइव का उपयोग करने से
यदि आप किसी ऐसी पेन ड्राइव का उपयोग कर रहे हैं, जो पहले से वायरस से प्रभावित कंप्यूटर में उपयोग की गई हो तो ख़तरा बढ़ जाता है, क्योंकि वह वायरस उस पेनड्राइव केेे माध्यम से आपके कंप्यूटर में भी आ सकता है।
वायरस से अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर को कैसे बचाएं :
अब तक आप जान गए होंगे कि वायरस हमारे स्मार्ट फोन और कंप्यूटर के लिए कितना खतरनाक होता है लेकिन अगर हम कुछ सावधानियां बरतें तो बहुत हद तक अपने कंप्यूटर और स्मार्टफोन को वायरस से बचा सकते हैं तो चलिए जानते हैं।
- सही Antivirus के उपयोग से
अपने कंप्यूटर में हमेशा एक अच्छे एंटीवायरस का इस्तेमाल करें बाजार में बहुत सारे पॉपुलर एंटीवायरस हैं, जो आपके कंप्यूटर को वायरस से बचाने में मदद करते हैं, और यदि आप Windows 10 का इस्तेमाल करते हैं तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें एंटीवायरस (Windows Defender) पहले से ही मौजूद होता है।
- यदि आप स्मार्टफोन का प्रयोग करते हैं तो आपको एंटीवायरस का इस्तेमाल करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि स्मार्टफोन Android OS सिस्टम पर चलता है और एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम में वायरस आने की संभावना ना के बराबर होती है।
- गूगल हमेशा एंड्राइड को स्कैन करते रहता है और अगर आपके स्मार्टफोन में कोई भी वायरस या हानिकारक ऐप है तो वह उसे तुरंत हटा देता है।
- अपने सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें
आप अपने कंप्यूटर के स्मार्टफोन में जितने भी एप्स या सॉफ्टवेयर उपयोग करते हैं, उन सभी को नियमित रुप से अपडेट करते रहें। एप्स या सॉफ्टवेयर को अपडेट करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि कंपनी लगातार अपने एप्स या सॉफ्टवेयर में सुरक्षा संबंधी खामियों को ढूंढ कर उन्हें फिक्स करती है और फिर उसे तकनीकी रूप से मजबूत करके अपडेट के माध्यम से हम तक पहुंचाती है।
- अज्ञात(Unknown) लिंक पर क्लिक ना करें
आज के समय में भारी मात्रा में सोशल मीडिया जैसे फेसबुक व्हाट्सएप ईमेल के उपयोग करता है और इनका उपयोग बहुत अधिक मात्रा में हो रहा है।
- इसी कारण बहुत से लोग कुछ ऐसे लिंक प्रोग्राम करते हैं जिनके द्वारा वायरस को फैलाया जा सके, और वह इन्हीं सोशल मीडिया नेटवर्क के जरिए उन लिंक को फैलाते हैं इसलिए कभी भी ऐसे लिंक पर क्लिक ना करें जिसके बारे में आप नहीं जानते हो।
- हमेशा एक मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें
वायरस मुख्य रूप से इसीलिए बनाए जाते हैं कि वह आपके डाटा को चोरी कर सकें या आपके डेटा को दूषित या नष्ट कर सकें।
- यदि आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो बेशक आप ऑनलाइन अकाउंट इस्तेमाल करते होंगे।
- अपने अकाउंट का पासवर्ड ऐसा रखें जो आपको तो आसानी से याद रहे, लेकिन किसी और के लिए उसकी कल्पना करना भी मुश्किल हो।
- अपने डेटा का बैकअप बनाएं
अपने कंप्यूटर है स्मार्टफोन में हमेशा अपने डेटा का बैकअप बनाकर रखें ताकि यदि आपका डाटा किसी कारणवश दूषित या मिट जाता है तो आप अपना डाटा दोबारा से प्राप्त कर सकते हैं अपनी सुरक्षा के तहत अपने डेटा का बैकअप बनाना बहुत ही आवश्यक है।